ब्यूरो रिपोर्ट हसौद/सक्ति :- जिला के ग्राम पंचायत भातमाहुल के गरीब पंचराम गोंड आदिवासी समुदाय के ब्यक्ति के 50 साल से अधिक से रह रहे मकान को तोड़वाने के लिए ग्राम भातमाहुल के ही एक जायसवाल गणेश राम वल्द खोलबहरा उम्र 55 साल के द्वारा आर आई से मिलकर पीड़ित ब्यक्ति पंचराम पिता भाकुलाल उम्र 63 (2) महादेव पिता भाकुलाल उम्र 45 साल (3) दुजराम पिता आशाराम उम्र 60 साल जाति गोड़ आदिवासी समुदाय के हैं परिवार का है इनके मकान को तोड़वाने के लिए नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने पद की रौब दिखाकर गरीब गोड आदिवासी परिवार के घर को तोड़वाने का काम आर आई (R.i.) हसौद परिक्षेत्र के द्वारा माननीय बिलासपर उच्च न्यायालय की आदेश का भी उलंघन करते हुए गरीब परिवार को उसके घर से वंचित करने का कार्य किया जा रहा है।
आवेदकगण के द्वारा द्वितीय अपील अंतर्गत धारा 44(2)(1) छग.भू.रा.सहिंता विरुद्ध आदेश दिनांक 05/08/2022 पारित द्वारा अनुविभागीय अधिकारी सक्ति रा.अ. प्र.क.26/ब 121 /15-16 पक्षवार गणेशराम जायसवाल बनाम पंचराम वगैरह ग्राम भातमाहुल का मान आयुक्त महोदय बिलासपुर प्रस्तुत किया गया है जो कि लंबित है प्रकरण की पेशी चल रहा है फिर भी उक्त भूमि में से 0.03 डिसमिल भूमि के संबंध में व्यवहार लंबित है जो भी न्यायालय श्री मान प्रथम अपर न्यायधीश सक्ति में लंबित है।
जिसमें यह बताया गया कि उक्त भूमि का अनुमति नहीं मिला और ने फर्जी रूप से रजिस्ट्री कराया है अनावेदक गण जाति के जायसवाल है कहकर जमीन का कब्जा पाने मामला पेश किया गया है जिसमें व्यवहार वाद में अंतिम निराकरण होना बांकी है वर्तमान में व्यवहार पुनर्स्थापना बाबत माननीय प्रथम अपर जिला न्यायालय के न्यायालय में लंबित है । विचारण न्यायालय ने दोनों पक्षो को सुनने के बाद नियम एवं प्रक्रिया के तहत आदेश पारित किया था और उत्तरवादी क्रमांक 1 के विरुद्ध आदेश पारित किया था। यह स्प्ष्ट है जब प्रकरण अन्य न्यायालय में लंबित है तो राजस्व न्यायालय को कोई भी आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है उसके बावजूद विवादित आदेश उत्तरवादी क्रमांक 1 प्राप्त करने में सफल होने के लिए ही उक्त प्रकरण की जानकारी दिए बिना अनावेदक राजस्व अधिकारियों से मिल जुल कर बिना आवेदक को आदेश की सूचना दिए बैगर विवादित आदेश प्राप्त कर लिया है। उक्त आदेश की जानकारी जब हुई तो अनावेदक क्रमांक 1 कब्जा हटाने जिसमे आवेदक गणों के मकान बना है उसे तोड़ने का नोटिस मिला तभी पीड़ित पक्ष को उक्त दोनों आदेश की जानकारी हुई और उसके द्वारा उक्त दोनों आदेश की कॉपी मिलने दिनांक 25/08/23 को लगाया जो दिनांक 28/08/23 को प्राप्त हुआ तब पीड़ित पक्ष को इन सभी उक्त विवादित आदेश की जानकारी हुई इसके पहले कोई जानकारी नहीँ हुआ।
तहसीलदार हसौद द्वारा न्यायालय में प्रकरण लंबित होने के वावजूद मकान तोड़ने में तुला हुआ है। जबकि इसी के आदेश के संबंध में माननीय आयुक्त बिलासपुर में लंबित है फिर भी तहसीलदार अनावेदक के साथ मिल जुलकर न्यायालय बिलासपुर के की लंबित प्रकरण का अव्हेलना कर जबरजस्ती मेरा मकान तोड़वाने आदेश जारी करता है।
धनाराम साहू छपोरा ने कहा –
आदिवासी पंचराम गोड जो भातमाहुल में पिछले 50,60 साल से रह रहा है जिसे दुश्मनी निकालने के उद्देश्य से विरोधी गणेश राम जायसवाल द्वारा पंचराम के मकान को तोड़वाने के लिए तहसीलदार हसौद एवं आर आई द्वारा मिलीभगत करके गरीब आदिवासी के मकान तोड़ने में तुले हुए है। ग्राम भातमाहुल में कितने सारे मकान बेजाकब्जा में बना हुआ है फिर एक गरीब परिवार को उसके मकान से बेदखल करना कहाँ की न्याय है,यदि पंचराम आदिवासी का मकान तोडा गया तो हम उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे,बिलासपुर न्यायलय में यह प्रकरण लंबित होने के वावजूद न्यायालय की अवहेलना किया जा रहा है आर आई द्वारा अपने पद का दुरूपयोग किया जा रहा है।