प्रभात सिदार सक्त़ी :- अभियोजन के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार से है कि प्रार्थी ने थाना हसौद में दिनांक 22.10.2023 को उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसकी नाबालिक पुत्री रात्रि 11:00 बजे उसके भतीजे एवं मोहल्ले के अन्य लड़कों के साथ घर से लगे नाली में मछली पकड़ रही थी उसी समय आरोपी गोविंद कश्यप उसकी पुत्री के पास आकर गलत इरादे से उसके हाथ बांह को पकड़ते हुए उसके फ्रॉक को ऊपर उठाते हुए अपने हाथों से उसके छाती को दबाया जिससे वह चिल्लाने लगी, उसकी पुत्री को चिल्लाते देखकर अभियुक्त वहां से भाग गया तब उसकी पुत्री घर पहुंची और घटना की सारी बातें अपनी दादी को बताई। प्रार्थी की उक्त रिपोर्ट पर आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 155 /2023 धारा 354 354 ख भादवी. एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012की धारा 8 के तहत प्रथम सूचना पत्र पंजीबद्ध किया गया । पुलिस द्वारा घटनास्थल का नक्शा तैयार किया गया, महिला पुलिस द्वारा अभियोक्त्री का बयान लिया गया, उसका दाखिल खारिज रजिस्टर ततिम्मा फॉर्म जप्त किया गया, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(2 ) (v) तथा लैंगिक का अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 10 के तहत संपूर्ण विवेचना बाद अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
अभियोजन पक्ष के गवाहों को न्यायालय में उपस्थित कर उनका बयान कराया गया सभी ने एक राय से प्रार्थी के कथनों का समर्थन किया दोनों पक्षों का तर्क श्रवण किया गया तर्क श्रवण करने के पश्चात 11/03/2024 दिन सोमवार को माननीय विशेष न्यायाधीश (एफ.टी.एस.सी) के पीठासीन अधिकारी यशवंत कुमार सारथी द्वारा दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात आरोपी को दोषी पाते हुए आरोपी गोविंद कश्यप पिता महेत्तर कश्यप को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 10 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रुपए के अर्थ दंड से भारतीय दंड संहिता की धारा 354 में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रुपए के अर्थ दंड संहिता की धारा 354 ख में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं1000 रु के अर्थ दंड से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से श्री भीम प्रसाद देवांगन विशेष लोक अभियोजक द्वारा पैरवी किया गया।

