ब्यूरो रिपोर्ट छत्तीसगढ़ :- बिलासपुर जिले के रतनपुर के एक खेत में विशालकाय मगरमच्छ मिला जहां लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी लेकिन रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग की टीम वहां नहीं पहुंच पाई काफी देर इंतजार करने के बाद ग्रामीणों ने खुद ही रेस्क्यू कर मगरमच्छ को खूंटाघाट बांध में छोड़ दिया

दरअसल पानी भरे खेत में मगरमच्छ का आधा शरीर डूबा हुआ था ग्रामीणों को दूर से ही अहसास हो रहा था कि यह विशालकाय मगरमच्छ है वन विभाग की टीम का काफी इंतजार करने के बाद भी जब कोई नहीं आया तो ग्रामीणों ने मिलकर उसे रस्सी से बांध कर खेत से बाहर निकाला इसके बाद मगरमच्छ को एक पिकअप में लाद कर खूंटाघाट बांध की ओर ले गए
खुंटाघाट बांध में ले जाकर ग्रामीणों ने छोड़ा
ग्रामीणों ने न केवल मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ा, बल्कि उसे उसके प्राकृतिक रहवास स्थल बांध में ले जाकर छोड़ा ग्रामीणों का कहना है कि बिकमा तालाब में बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं इन्हीं में से एक मगरमच्छ तालाब से निकलकर खेत तक पहुंच गया था और सुरक्षा की दृष्टि से लोगों ने इसे पकड़ कर बांध में पहुंचा दिया।

बिकमा तालाब के मगरमच्छ कई इलाकों में पहुंचते हैं
रतनपुर छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी मानी जाती है यहां छोटे बड़े 150 से अधिक तालाब हैं बिकमा तालाब रतनपुर का सबसे बड़ा तालाब है जहां बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं जो आए दिन रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं, मगरमच्छों की इस तरह चहल कदमी से गांव में दहशत और जान का खतरा बना रहता है ग्रामीण द्वारा जांजगीर जिले के कोतमी सोनार मगरमच्छ पार्क की तरह बिकमा तालाब के मगरमच्छों के संरक्षण की मांग कर रहे हैं।