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आप सभी को मालूम ही है कि सौम्या के पास इस समय मिस व्हीलचेयर वर्ल्ड इंडिया का खिताब है। हालांकि, कुछ आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने सरकार से कुछ मदद और राहत की गुहार लगाई है। उनके मुताबिक इस तरह के कॉन्टेस्ट में शामिल होने के लिए लाखों रुपए की जरूरत होती है। कई एनजीओ और संस्थान जैसे अर्जोई और निफ्ट और सुनीता भाटिया फाउंडेशन के पेशेवर डिजाइनर उनके बचाव में आए।
सोम्या ने खुलासा किया कि जब वह 11 महीने की थी, तब वह लोकोमोटर डिसेबिलिटी और स्कोलियोसिस से पीड़ित थी। नतीजतन, उसके पैरों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और वे शरीर का भार सहन नहीं कर पाती हैं।
इस बीमारी ने उन्हें व्हीलचेयर पर भेज दिया। तमाम बाधाओं के बावजूद सौम्या ने जीवन में हारे बिना अपनी शिक्षा पूरी की और अपने माता-पिता पर बोझ बने बिना अपने करियर को आयाम दिया।
वह पंजाब यूनिवर्सिटी से एमबीए हैं। वर्तमान में, वह मोहाली स्थित एक निजी कंपनी के साथ एक मानव संसाधन पेशेवर के रूप में काम कर रही है और साथ ही अपने सौंदर्य जुनून को संतुलित कर रही है। सोम्या ने यह भी साझा किया कि वह दो साल पहले नौकरी पर जाते समय एक कार दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गई थी। उनके पिता राजिंदर सिंह आबकारी विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और उनकी मां सरिता एक गृहिणी हैं।
उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता अक्टूबर में मैक्सिको के रोसारिटो में होने जा रही है। भारत, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, मलेशिया, नीदरलैंड, स्पेन, रूस और यूक्रेन सहित लगभग 30 अन्य देश इसमें भाग ले रहे हैं।
सौम्या ने मिस व्हीलचेयर वर्ल्ड 2022 प्रतियोगिता के लिए आवेदन किया था। यह जदीना टाका फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाता है, जो मेक्सिको सरकार द्वारा प्रमाणित है। कई राउंड के इंटरव्यू के बाद उन्हें इस कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने का मौका मिला।
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