संतोष साहू / सारंगढ़ :- बरमकेला विकासखंड के ग्राम पंचायत साल्हेओना निवासी किसान दीनानाथ सिदार द्वारा जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत देकर धान खरीदी केंद्र साल्हेओना के समिति प्रबंधन और कंप्यूटर ऑपरेटर की सह पर 57 कट्टा धान के अफरा-तफरी कर हजम करने का गंभीर आरोप लगाया गया है जिसमें आवेदक ने उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्यवाही कर 57 कट्टा धान वापस दिलाने की गुहार लगाई है!
जाने क्या है पूरा मामला….
साल्हेओना निवासी पीड़ित किसान दीनानाथ सिदार ने 15/12/2021 को जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में उल्लेख किया है कि दिनांक 12/12/2022 को सेवा सहकारी समिति मर्या. साल्हेओना में स्वयं का धान बेचने हेतु 301 कट्टा का टोकन कट आकर 301 कट्टा लेकर गया वहां 300 खाली बोरी (बारदाना) लेकर धान की भराई किया गया, यह की धान का तौल शाम तक नहीं होने के कारण तौलाई के लिए तकरीबन रात 8:30 बजे तक मंडी में इंतजार करता रहा, तौल नहीं होने पर समिति प्रबंधक को कल तौल कराऊंगा कहकर घर चला गया, यह कि 13/12/ 2021 को पुनः अपना ध्यान तौलाई करने सोसाइटी गया तो वहां के हमाल ने बताया कि आपका ध्यान रात को 12:00 बजे आपका धान तौल हो गया है व कुल 243 कट्टा धान तौल में होना बताया, जिसके बाद मेरे द्वारा प्रबंधक और ऑपरेटर को 57 कट्टा धान कम होने की सूचना दिया व मेरे अनुपस्थिति में तौल होने पर आपत्ति दर्ज किया, जिस पर समिति प्रबंधन और ऑपरेटर द्वारा ध्यान नहीं दिया गया व आपके एक रिश्तेदार के कहने पर तौल करने की बात कही गई जबकि मेरे द्वारा किसी भी रिश्तेदार को तौल करने के लिए नहीं बोला गया था! यह कि मेरे द्वारा 301 कट्टा का टोकन लेकर 300 कट्टा धान भराई किया था, जिसे देर रात 12:00 बजे जानबूझकर मेरी अनुपस्थिति में तौल कर मेरा 57 कट्टा धान की हेराफेरी प्रबंधक, आपरेटर व स्टाफ के द्वारा किया गया हैं, जो पूर्णता अवैधानिक कृत्य है!
पीड़ित किसान ने अंत में जिला कलेक्टर से गुहार लगाते हुए लिखा है कि सेवा सहकारी समिति साल्हेओना के प्रबंधक, ऑपरेटर द्वारा एक राय होकर मुझे संदोश क्षति पहुंचाने की नियत से मेरी अनुपस्थिति में देर रात तौल कर 57 कट्टा धान की हेराफेरी किया गया है की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर पड़ी दंडात्मक कार्यवाही करते हुए मेरा 57 कट्टा धान वापस दिलाने की कृपा करें!
बहरहाल रात को 12:00 बजे किसान के धान का तौल होना कई प्रश्नों को जन्म देता है वही पीड़ित किसान ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं अब यह देखना लाजमी हुआ कि किसान की शिकायत पर किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है!