चौहान सिंह ध्रुव/ गरियानबंद – जिला के अंतर्गत ब्लॉक देवभोग को शासन द्वारा वर्ष 2013 से आईटीआई की सौगात मिली जिसमें वर्ष 2015 से देवभोग में आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। आईटीआई में व्यवसायों की बात करें तो पूर्व में एकमात्र कोपा व्यवसाय से आईटीआई की शुरूआत की गयी जिसमें कुल 48 सीटों पर प्रवेश होता रहा है। इन प्रशिक्षणार्थियों के प्रायोगिक प्रशिक्षण के लिए संस्था में 10 कम्प्यूटर उपलब्ध कराया गया था जिसमें आईटीआई का सफलतापूर्वक संचालन किया जाता था परन्तु वर्तमान स्थिति में इन 10 कम्प्यूटरों में महज 3 ही चालू स्थिति में है अन्य 7 कम्प्यूटर पूर्णतः खराब हो चुके है। इसके साथ ही आईटीआई में वर्ष 2019 से व्यवसाय फिटर एवं विद्युतकार भी चालू किया गया जिसमें कुल 20-20 सीटों में प्रशिक्षणार्थी प्रवेश लेते रहे हैं। परन्तु शासन द्वारा व्यवसाय फिटर एवं विद्युतकार आरंभ करने के साथ प्रायोगिक प्रशिक्षण के लिए औजार एवं उपकरण उपलब्ध नहीं कराया गया जो आज तक लंबित हैं।
प्रायोगिक उपकरण की अनुपलब्धता के कारण आईटीआई में प्रवेशित प्रशिक्षणार्थियों का रूझान वर्ष दर वर्ष
घटता जा रहा है। आईटीआई में प्रशिक्षणार्थियों को केवल सैद्यांतिक प्रशिक्षण ही दिया जा रहा है। जबकि
प्रायोगिक प्रशिक्षण के साथ ही प्रशिक्षण पूर्ण होता है। देवभोग में आईटीआई खुलने के इतने वर्षों बाद भी इसकी
ओर शासन व विभाग का रूख नहीं है। दूरस्थ अंचल से प्रशिक्षण लेने के उद्देश्य से आए प्रशिक्षणार्थी प्रवेश लेने
के बाद भी आईटीआई की ऐसी हालत देख अपना नाम स्वयं खारिज करवा लेते हैं। इसलिए क्योंकि वे जानते
हैं कि बिना प्रायोगिक उपकरण वे किसी भी व्यवसाय का प्रशिक्षण लेने में असमर्थ रहेंगे।
विगत वर्ष प्रशिक्षणरत रहे प्रशिक्षणार्थियों द्वारा संस्था में व विभाग के उच्च अधिकारियों से अपनी समस्याओं को
आवेदन के माध्यम से रखा पर इस संबंध में आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।
ब्लॉक व जिला स्तर के अन्य उच्च अधिकारी एवं विधायक किसी ने भी आईटीआई का कभी जायजा नहीं लिया
न ही आईटीआई की व्यवस्थाओं की ओर ध्यान दिया। इंडिजिनस आर्गेनाईजेशन इंडिया ने प्रशिक्षणार्थियों की
समस्या को ध्यान में रखते हुए दिनांक 28 नवंबर 2022 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) देवभोग
जिला गरियाबंद के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन एवं माननीय उमेश पटेल, उच्च शिक्षा एवं
तकनीकि शिक्षा, कौशल विकास विभाग मंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन सौंपा है। अनुविभागीय अधिकारी
(राजस्व) ने प्रशिक्षणार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्द ही इस समस्या का समाधान करवाने का
आश्वासन दिया है।