समाचार ब्यूरो रिपोर्ट :- नवरात्रि प्रारंभ होने से कुछ ही मात्र नाम के जबकि माता की प्राचीन मूर्ति पर एक बदमाश ने मूर्ति को जमीन पर पटका, उस पर पैर रखा और मूर्ति पर पेशाब भी कर दिया और फिर कुछ दूर ले जाकर फेंक दिया दरअसल यह मामला मध्यप्रदेश के रीवा जिले के त्योंथर जनपद पंचायत के शंकरपुर गांव की है वहीं इस घटना को गांव की महिला ने देखा, जब उसने गांव के लोगों को बताया तो गांव में आक्रोश फैल गया जबकि आरोपी का नाम हिंचलाल साकेत बताया गया है वह पास के ही महेवा गांव का रहने वाला है और आपराधिक प्रवृत्ति का है
गांव की ही महिला ने देखा बदमाश का सारा रवैया –
गांव की ही रहने वाली प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया कि ‘मंगलवार शाम करीब 5 बजे मंदिर के पास से मैं गुजर रही थी इसी दौरान महेवा गांव के रहने वाले हिंचलाल साकेत को देखा वह माता के मूर्ति के ऊपर पेशाब किया, उसे जमीन पर पटका फिर उस पर पैर रखा तभी मैंने शोर मचाया, तो आसपास के गांव वाले पहुंच गए, लोगों को आता देख वह वहां से भाग गया लोगों ने उसका पीछा भी किया लेकिन तब तक खेतों के रास्ते वह फरार हो गया
मूर्ति के अपमान करने वाले आरोपी के खिलाफ केस दर्ज –
घटना मंगलवार शाम करीब 5 बजे हुई थी इस घटना के बाद गांव के लोग मंदिर के पास धरना पर बैठ गए मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मौके पर पहुंची, महिला और गांव वालों के बयान लिए वहीं बुधवार सुबह पुलिस ने आरोपी हिंचलाल के खिलाफ केस दर्ज किया ग्रामीणों ने प्रशासन को 24 घंटे के अल्टीमेटम देकर धरना खत्म कर दिया है ग्रामीणों का कहना है कि 24 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए जबकि ग्रामीणों ने आरोपी पर NSA लगाने की मांग भी की है वहीं मौके पर पहुंचे एसडीएम संजय जैन ने जल्द से जल्द आरोपी को पकड़कर आरोपी पर सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया है
शुद्धिकरण के लिए माता की मूर्ति को नदी में डाला गया –
सरपंच सुनीता कोल के प्रतिनिधि रामबहोर कोल ने दोपहर करीब 12 बजे शुद्धिकरण के लिए मूर्ति को तमस नदी में डलवा दिया जबकि दोपहर करीब 3 बजे एसडीएम संजय जैन मौके पर पहुंचे उन्होंने पटवारी अजीत दुबे के साथ नदी से मूर्ति को बाहर निकलवाकर वापस चबूतरे पर रखवा दिया
वर्षों पुरानी है कुलदेवी जालपा माता की मूर्ति
गांव के रहने वाले राम गोविंद शर्मा ने बताया कि बचपन से मंदिर में आ रहे हैं जालपा माता की पूजा-अर्चना भी करते हैं, चबूतरे पर हनुमान जी और शिवलिंग भी स्थापित है, हमारे बुजर्ग भी मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं, गांव में शादी के बाद नवविवाहित जोड़ा माता के दर्शन के लिए आता है, बच्चे का नामकरण संस्कार, कनछेदन और अन्य संस्कार भी यहां किए जाते हैं, गांव के हर कार्यक्रम की शुरुआत माता के दर्शन और आशीर्वाद के साथ ही करते हैं यही नहीं ग्रामीणों का कहना है कि भविष्य में यहां मंदिर निर्माण की भी योजना है